सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से नेत्रहीन, मूक-बधिर, डिस्लेक्सिया, लगवाग्रस्त यानी शारीरिक या मानसिक रू प से विकलांग लोगों तक टेक्नॉलजी के लाभ पहुंचाने के लिए तमाम कोशिशें की जाती रही हैं। कंप्यूटर पर उनके लिए उपलब्ध सुविधाएं महज नरेटर (वाचक), स्टिकी कीज (की-बोर्ड सुविधा) और टेक्स्ट जू़म (टेक्स्ट बड़ा करके दिखाने की सुविधा) तक ही सीमित नहीं है। ऐसे बहुत से सॉफ्टवेयर आ चुके हैं जिसे यूज करके वह अपने काम को पहले से कहीं ज्यादा आसानी सेकर सकते हैं। उनके लिए उपलब्ध कुछ बहुत उपयोगी सॉफ्टवेयरों पर एक नजर :
ब्रेल सर्फ फोर (www.snv.jussieu.fr/inova/bs4) : यह एक खास किस्म का वेब ब्राउजर है जो वेबसाइट्स की सामग्री को सामान्य टेक्स्ट के रूप में दिखाता है और उसे पढ़कर सुना सकता है। इसका आउटपुट ब्रेल डिस्प्ले यूनिट के जरिये ब्रेल लिपि में भी लिया जा सकता है। जो लोग नेत्रहीन नहीं हैं लेकिन जिनकी दृष्टि बहुत कमजोर है, वे वेबसाइट्स के टेक्स्ट को बड़े आकार में पढ़ सकते हैं जिसके लिए कोई चार्ज नहीं किया जाता है।
कैमरामाउस (http://cameramouse.org): जो लोग विकलांगता के कारण अपने हाथों से माउस नहीं चला सकते, वे 'कैमरामाउस' के जरिए वही काम अपने सिर से कर सकते हैं। सेरेब्रल पैल्जी, स्पाइनल मस्क्यूलर डिस्ट्राफी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पक्षाघात आदि से पीड़ित लोग इस श्रेणी में आते हैं। इस फ्री सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने के लिए सिर्फ एक यूएसबी वेब कैमरे और विंडोज एक्सपी (या उससे आगे के ऑपरेटिंग सिस्टम) की जरूरत है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सिर पर कुछ भी पहनने की जरूरत नहीं है। 'कैमरामाउस' का सॉफ्टवेयर वेबकैम के जरिये आपके चेहरे के किसी एक हिस्से पर ध्यान केंदित रखता है और उसकी गति के अनुसार माउस करसर को ऑपरेट करता है।
क्लिक-एन-टाइप (cnt.lakefolks.com): यह मानीटर स्क्रीन पर दिखने वाला वर्चुअल की-बोर्ड है जिसे माउस आधारित टाइपिंग के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर का विकास एक ऐसी युवती की मदद के लिए किया गया था जिसके दायें हाथ में बहुत कम हरकत होती थी। वह माउस का प्रयोग तो कर सकती थी लेकिन की-बोर्ड का नहीं। 'क्लिक-एन-टाइप' का प्रयोग करते समय पूरे शब्द टाइप करने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक-दो अक्षर टाइप होने के बाद वह खुद कई शब्द सुझाता है जिनमें से सही शब्द का चयन किया जा सकता है जिसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता।
ई-स्पीकिंग (e-speaking.com): अगर आप बोलकर अपने कंप्यूटर को चलाना चाहते हैं तो यह फ्री सॉफ्टवेयर बड़े काम का है। माउस करसर को एक लाइन नीचे लाने के लिए बस इतना बोलिए - 'डाउन वन'। इसी तरह ई-मेल खोलने के लिए 'ओपन ई-मेल' और किसी फाइल को खोलने के लिए 'फाइल ओपन' बोलिये। यह सॉफ्टवेयर आपके साथ बातें भी कर सकता है। वर्ड प्रोसेसर के 'एडिट' मेन्यू में दी गई 'फाइंड' कमांड का प्रयोग करने के लिए आपको 'एडिट फाइंड' कहना होगा। ''इस पर सॉफ्टवेयर पूछेगा - 'फाइंड व्हाट?' अपने मतलब का शब्द बताइए और डॉक्यूमेंट में उसे ढूंढने का काम सॉफ्टवेयर कर देगा। ई-स्पीकिंग को एक महीने तक फ्री इस्तेमाल किया जा सकता है। उसके बाद महज चौदह डॉलर (लगभग पौने सात सौ रुपये) देकर इसका लाइसेंस खरीदा जा सकता है।
सुपर मैग्नीफाई (http://bit.ly/aZy0jJ): स्क्रीन पर दिये अक्षरों को पंद्रह गुना तक बढ़ाकर देखने के लिए केविन सोल्वे द्वारा विकसित इस फ्री सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करें। कमजोर नजर वाले लोगों को यह काफी पसंद आएगा। अच्छी बात यह है कि कई गुना बड़े होने के बाद भी अक्षरों के आकार में कोई विकृति नहीं आती।
जॉज फॉर विंडोज : यह एक 'टेक्स्ट टू स्पीच' सिंथेसाइजर है जो विकलांगों, खासकर नेत्रहीनों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझता है। यह कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखने वाले टेक्स्ट को पढ़कर सुनाता है, चाहे वह वेबसाइट और ई-मेल हो या माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसे दस्तावेज। उसी टेक्स्ट को यह ब्रेल लिपि में भी दिखा सकता है हालांकि उसे पढ़ने के लिए यूजर को ब्रेल डिस्प्ले युनिट्स (नेत्रहीनों के लिए ब्रेल के संकेत दिखाने वाली पिन युक्त डिवाइस) की जरूरत होगी। इसे फ्रीडम साइंटीफिक (www.freedomscientific.com) नाम की एक कंपनी की ओर से जारी किया गया है जो कि फ्री उपलब्ध नहीं है।
आई-कम्यूनिकेटर (www.icommunicator.com): यह मॉनिटर की स्क्रीन पर दिखने वाले टेक्स्ट को साउंड और साउंड को टेक्स्ट में बदल सकता है इसलिए बधिरों और नेत्रहीनों दोनों के लिए काफी उपयोगी है। दिलचस्प बात यह है कि यह टेक्स्ट को हाथों के इशारों वाली भाषा (अमेरिकन साइन लैंग्वेज) में भी बदल सकता है। किसी वेबसाइट पर जाने के लिए आप उसका यू.आर.एल बोलकर टेक्स्ट में बदल सकते हैं या फिर डॉक्यूमेंट बना सकते हैं और शब्दकोश जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। बधिर चाहें तो इसका इस्तेमाल दूसरों के साथ बातचीत के लिए भी कर सकते हैं। बाकी लोगों के बोले हुए वाक्यों को यह साइन लैंग्वेज में बदलकर वीडि़यो के रूप में दिखाएगा। उसका जवाब की-बोर्ड पर टाइप करके दिया जा सकता है, जो कंप्यूटर-जनित ध्वनि के रूप में दूसरों को सुनाई देगा।
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